म्येवात का बारा में
म्येवात का मरद माणस सिदोसी चार बजे खड़ा ह्वो जावा हां। फिर नमाज़ पढ़ा हां। फिर भेंसन लू न्यार जासू सानी बी कहवा हां ग्येरा हां ओर बेरबानी भेंसन को दूद काढा हां। मरद कलेव करकेनी अपणा-अपणा काम पे चला जावा हां। धुप्पर लू तीन बजे लगभग बेरबानी ढ्वोरन लू चारो (न्यार) ग्येरकेनी सानी करा हां। फिर बेरबानी घर को काम करा हां। सांज लू पांच बजे के लगभग भेंसन को दूद काढा हां। यासू पाछे खाणो तय्यार करा हां। सांज लू मरद माणस अपणा काम सू घर लू हेटा आ जावा हां फिर मरद हात-मुंह ध्वोवा हां ओर बेरबानी मरदन लू खाणो द्येवा हां। मरद खाणो खाकेनी अपणा बिस्तर पे स्वो जावा हां। म्येवात छेतर में पढा-लिखा माणस नोकरी करा हां। अपर हीन घणकरा माणस ख्येती-बाड़ी ओर मिहनत-मन्जूरी करकेनी गुजारो करा हां। हीन का माणस सूदा-सादा हां।
म्येवात की सनसकिरती
म्येवात में सब धरमन का माणस रहवा हां। सब धरम ओर समुदाय का माणस न में आपस में भाइ-चारो द्येखण लू मिले हअ। हीन सब आपस में रळ-मिलकेनी रहवा हां। म्येवात का हिन्दू भाइन का तोहार जेसे-दिवाळी, ह्वोळी, तीज, राखी,सिवारातरी, हां। सब अपणा तोहारन्ने धूमधाम सू मनावा हां। म्येवात का मुसलमानन का तोहार ईद(मीठी ईद), बकरीद, ताजिया ओर सुबरात हां। इन तोहारन्ने मुसलमान खुसी ओर धूमधाम सू मनावा हां। म्येवात में सब धरमन का माणस भाई-चारा की इयक मिसाल हां। हीन सब धरमन का माणस इयक-दूसरा लू इज्जत द्येणा के सात-सात दूसरी जिगे का माणसन की बी इज्जत करा हां।
पहरावो-म्येवात का माणसन को पहरावो तहमंद, कुड़तो-पजामो हअ। अपर नया छरा-छ्वोरेट पेन्ठ-बुरसेट, जीनस पहरा हां। हीन की बेरबानी सूंट-सिलवार ओर स्याड़ी पहरा हां। हीन का माणस सुबाब सू घणा सीदा-सादा हां। हीन को सो सूदोपण कहीं बी ना मिलसे।
म्येवात की ब्वोली
म्येवात छेतर में घणकरा माणस म्येवाती ब्वोला हां। अपर पढण-लिखण की वजे सू कुछ माणस हिन्दी ओर अंगरेजी बी जाणा हां ओर म्येवाती ब्वोलण के सात-सात हिन्दी बी ब्वोला हां। पहले का माणस जादा म्येवाती में बात करा हां। गामन का माणस घणकरा म्येवाती में ब्वोला-चाला हां। याके अलावा दिहात ओर कुलगामड़ान का माणस म्येवाती में ब्वोला-चाला हां। या तरे हम कह सका हां अक म्येवात में घणकरा म्येवाती ब्वोली जावे हअ।
म्येवात का अलग-अलग धरम
म्येवात में सब धरमन का माणस रहवा हां। हीन का माणस सब आपस में भाई-भाई की तरे रहवा हां। हीन क्वोई बी आपस में इयक-दूसरा सू दुभांत ना करे। हीन सब इयक-दूसरा का सुक-दुख में सात द्येवा हां। म्येवात छेतर में हिन्दू-मुसलमान रहवा हां। अपर हीन का सा भाईचारा की मिसाल कहीं बी ना हअ। हीन क्वोई बी धरम को माणस आपस में काई सू ना चिड़ां। या तरे हम कह सकां हां अक म्येवाती छेतर में हिन्दू ओर मुसलमान आपस में मिलकेनी रहवा हां। ये हरबखत इयक-दूसरा का सुक-दुख का साती बणकेनी रहवा हां। हीन पुराणा बखतन सू सब धरमन का माणस आपस में भाई-चारा सू रहवा हां।
म्येवात का तीज-तोहार
म्येवाती छेतर तीज-तोहार मनाण में घणो मसूर हअ। हीन सब धरम-समुदायन का माणस अपणा-अपणा तोहारन्ने खुसी ओर धूमधाम सू मनावा हां। हीन का हिन्दू भाइन का बड़ा तोहार जेसे-ह्वोळी, दिवाळी, तीज, राखी, जनमासटमी जेसा तोहारन्ने बहोत खुसी ओर धूमधाम सू मनावा हां। सब भाई अपणा तोहारन पे नया लत्ता पहरा हां ओर इयक-दूसरा लू बधाई द्येवा हां। हीन सब अपणा तोहारन्ने भाईचारा सू मनावा हां। याके अलावा मुसलमान भाईन का तोहार ईद, बकरीद, सुबरात ओर ताजिया हां। मुसलमान भाई बी अपणा तोहारन पे खुलकेनी खरच करा हां ओर अपणा तोहारन्ने खुसी ओर धूमधाम सू मनावा हां। मुसलमान ईद ओर बकरीद का तोहारन्ने बड़ा तोहार माना हां ओर इन्ने बहोत धूमधाम सू मनावा हां। इयक-दूसरान लू मुबारकबाद द्येवा हां।