इयक बर अकबर का दरबार में इयक गधो आयो। बीरबल वाकी सिरपारस अकबर के सामेई करण लग्‍गो। अकबर ने हुकम दियो अक या गधा की जियेवड़ी हअ बीरबल का हात में द्‍ये द्‍येवो। फिर अकबर ने बीरबल सू कही अक या गधा हअ ल्‍ये जा ओर या हअ पढाकेनी इयक महीना में लायो। इयक महीना पाछे बीरबल वा गधा हअ ल्‍येकेनी दरबार में आयो। अकबर ने बीरबल सू बूझी अक गधो पढगो के?

हां बादसा, कहकेनी बीरबल ने इयक किताब गधा के सामेई धर दी। गधो वा किताब का पन्‍ना हअ बदलतो चलो ओर तीसरा पन्‍ना पे आकेनी रेंकण लग्‍गो। बादसा या बात सू हेरान ह्‍वोगो। बीरबल ने अकबर सू कही अक जब में या गधा हअ पढाकरो हो तो रोजीना दूब खवाकरो हो। ओर जब दूब ना द्‍येकरो हो तो गधो रेंककरो हो।

सीक-गधो कदी ना पढ सके।