इयक मछुवारो, मच्छी ब्येचकेनी अपणो गुजारो करकरो हो। ऊ कदी मच्छी घणी पकड़ लाकरो हो ओर कदी जादा। इयक दिन ऊ अपणा जाळ हअ तलाव में बिछाकेनी बेठगो। जब वाने अपणो जाळ ऊपर लू खेंचो तो वामें घणी मच्छी ही। ऊ बहोत खुस ह्वोगो। वाने सारी मच्छी बजार में जाकेनी ब्येच दी ओर घणाई पइसा कमा लिया। अब ऊ दूसरे दिन या उम्येद सू आयो अक आज तो घणी मच्छी लाऊंगो। वाने अपणो जाळ तलाव में बिछायो ओर बेठगो। थ्वोड़ी द्येर पाछे वाने अपणो जाळ बाहर लिकाळो तो जाळ में इयक छ्वोटी मच्छी ही। ऊ मच्छी वा मछुवारा सू ब्वोली अक तू म्वोहे छ्वोड दे, में बिन पाणी के मर जाऊंगी। जब मछुवारा ने वाकी बात अणसुणी कर दी। तो मच्छी दुबारा ब्वोली अक अगर जे तू म्वोहे छ्वोड द्येवेगो तो में दूसरे दिन सटियेटी मच्छीन्ने बुलाकेनी लाऊंगी ओर तू वन्ने पकड़ लीजो। या बात सुणकेनी मछुवारो खुसी ह्वोगो ओर वाने ऊ मच्छी छ्वोड दी। दूसरे दिन मछुवारो घणी मच्छी पकड़ण की बात स्वोचकेनी आयो अपर वाके इयक बी मच्छी हात ना लगी। या तरया वा छ्वोटी सी मच्छी ने अपणी ज्यान बचा ली।
सीक-मुसीपत में कदी मत घबरावो ओर हुस्यारी सू काम ल्येवो।
- तरक लिखणलू